PGDE का पूरा नाम “पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन एजुकेशन” है. यह एक स्नाकोत्तर स्तर का डिप्लोमा कोर्स है. ये कोर्स उन छात्रों के लिए है जो शिक्षा के क्षेत्र में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं. इस कोर्स की ड्यूरेशन 1 साल की होती है.
बहुत से छात्र ऐसे हैं जिन्हें पीजीडीई कोर्स के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, तो आइए आज के इस (PGDE Course Full Details) आर्टिकल में हम आपको पीजीडीई कोर्स क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? पीजीडीई कोर्स कितने साल का होता है? पीजीडीई कोर्स करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए? ऐडमिशन प्रक्रिया क्या होती है? फीस कितनी लगती है और पीजीडीई कोर्स का सिलेबस क्या होता है? पीजीडीई कोर्स करने के बाद वेतन कितना मिलता है? आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे. अगर आप भी पीजीडीई कोर्स के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस PGDE Course Full Details लेख को अंत तक पढ़ें.
PGDE Course क्या है? (What is PGDE Course?)
PGDE का मतलब “पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन एजुकेशन” होता है. यह 1 साल का स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स हैं. जो छात्र शिक्षक बनना चाहते हैं, वे इस कोर्स को कर सकते हैं. यह कोर्स स्कॉटलैंड में विशेष रूप से लोकप्रिय माना जाता है और इसे करने के बाद छात्र स्कॉटिश राज्य विद्यालयों में पढ़ाने के लिए योग्य हो जाता है.

विस्तार से-
शिक्षक बनने के लिए
जो छात्र पहले किसी विषय में स्नातक डिग्री ले चुके हैं और अब शिक्षक बनने के लिये प्रशिक्षण लेना चाहते हैं वे पीजीडीई कोर्स कर सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय मान्यता
पीजीडीई कोर्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, मतलब आप इस कोर्स को करने के बाद अन्य देशों से भी शिक्षक के रूप में नौकरी कर सकते हैं.
करियर विकास
शिक्षण के क्षेत्र में सफल करियर बनाने के लिए आप पीजीडीई कोर्स कर सकते हैं यहाँ पर आपको आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान किया जाता है चाहे वह सरकारी स्कूल हो या फिर निजी स्कूल.
विषय विशेषज्ञता
पीजीडीई कोर्स प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्तरों के लिए उपलब्ध होता है. प्राथमिक पीजीडीई कोर्स में 3 से 12 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि माध्यमिक पीजीडीई 11 से 18 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करता है.
भारत में संस्थान
भारत ने कुछ ऐसे कॉलेज हैं जहाँ पर पीजीडीई कोर्स (Postgraduate Diploma in Education) उपलब्ध हैं और शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर देते हैं.
स्कॉटलैंड में मान्यता
पीजीडीई कोर्स स्कॉटलैंड में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, स्कॉटलैण्ड में यह कोर्स जनरल टीचिंग काउंसिल (GTCS) के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए एक मान्यता प्राप्त मार्ग है.
PGDE का Full Form और उद्देश्य
PGDE का फुल फॉर्म “Postgraduate Diploma in Education” हैं. ये एक स्नातकोत्तर स्तर का डिप्लोमा कोर्स है, जिसकी अवधि 1 साल की होती है. यह उन लोगों के लिए बनाया गया है जो शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं. पीजीडीई कोर्स का मुख्य उद्देश्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यालय में पढ़ाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना है.
PGDE कोर्स का मुख्य उद्देश्य
विषय विशिष्ट ज्ञान
पीजीडीई कोर्स में शिक्षकों को उनके चुने हुए विषय में विस्तार से अध्ययन कराया जाता है, जिससे वे छात्रों को अच्छे से समझा सकें.
शिक्षण कौशल का विकास
पीजीडीई कोर्स में शिक्षकों को अच्छे से पढ़ाने के लिए आवश्यक से शिक्षण विधियां, पाठ्यक्रम विकास, शैक्षिक प्रौद्योगिकी और अन्य संबंधित क्षेत्रों से प्रशिक्षण दिया जाता है.
शैक्षणिक नेतृत्व
ये कोर्स छात्रों को शैक्षणिक नेतृत्व, नवाचार जैसे कौशल विकसित करने में मदद करता है.
शिक्षक सर्टिफिकेट
पीजीडीई कोर्स करने के बाद आपको शिक्षक सर्टिफिकेट मिल जाता है, जिससे आप किसी भी स्थान में बढ़ा सकते हैं.
कक्षा प्रबंधन
पीजीडीई कोर्स में छात्रों को अनुशासन, कक्षा प्रबंधन और प्रभावी ढंग से संवाद करने के तरीके के बारे में सिखाया जाता है.
PGDE Course कोर्स की अवधि और मोड (Duration & Mode)
आमतौर पर पीजीडीई कोर्स के बाद 1 साल की होती है. ये कोर्स पूर्णकालिक या अंशकालिक मोड में किया जा सकता है. कुछ देशों, जैसे सिंगापुर में, इस कोर्स के बाद 16 से 24 महीने की हो सकती है, लेकिन भारत में, इस कोर्स में 2 सेमेस्टर होते हैं. प्रत्येक सेमेस्टर में 4 से 6 विषय होते हैं. और पीजीडीई कोर्स में आध्यात्मिक विषयों के साथ-साथ स्कूल प्लेसमेंट, इंटर्नशिप और व्यवहारिक प्रशिक्षण भी होता है.
कोर्स की अवधि
1 साल
आमतौर पर पीजीडीई कोर्स की अवधि 1 साल की होती है.
2 सेमेस्टर
आमतौर पर भारत में पीजीडीई कोर्स 2 सेमेस्टर में करवाया जाता है, प्रत्येक सेमेस्टर में 4 से 6 विषय होते हैं.
16 से 24 महीने
कुछ देशों में, जैसे सिंगापुर में, इस कोर्स की अवधि 16 से 24 महीने की होती है.
मोड (Mode)
पूर्णकालिक
इस कोर्स को करने से छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में शामिल होना होता है और कोर्स को 1 साल में पूरा करना होता है.
अंशकालिक
जो छात्र काम करते हुए या नौकरी की तैयारी करते हुए पढ़ाई करना चाहते हैं, यह कोर्स उनके लिए बेहतर है ये कोर्स 2 साल में पूरा होता है.
ऑनलाइन
कुछ पीजीडीई कोर्स पूरी तरह से ऑनलाइन भी उपलब्ध है जिसे आप कहीं से भी कर सकते हैं.
हाइब्रिड
कुछ संस्थान व्यक्तिगत और ऑनलाइन कक्षाओं द्वारा इस कोर्स को करवातें हैं.
योग्यता (Eligibility Criteria)
पीजीडीई कोर्स में प्रवेश लेने के लिये उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी आवश्यक है. इसके अलावा कुछ विश्वविद्यालयों में, एडमिशन के लिए 50-60% नम्बरों की मांग की जाती है, इसके अलावा, कुछ विश्वविद्यालयों में B.Ed करने वाले छात्र पीजीडीई कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.
पात्रता मानदंड
शैक्षणिक योग्यता
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री.
प्रतिशत अंक
कुछ विश्वविद्यालयों में, बैचलर डिग्री में 50-60% अंको की मांग की जाती है.
बीएड के बाद एडमिशन
कुछ विश्वविद्यालयों में B.Ed कोर्स करने के बाद भी आप PGDE कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.
अन्य योग्यताएं
- कुछ कॉलेजों में अतिरिक्त योग्यताओं की मांग भी की जाती है.
- कुछ कॉलेजों में PGDE कोर्स में एडमिशन के लिए, प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है और प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है.
PGDE Course में एडमिशन प्रक्रिया (Admission Process)
PGDE Course कोर्स में एडमिशन के लिए, सबसे पहले चुने हुए कॉलेज या विश्वविद्यालय की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं, आवेदन पत्र भरें. उसके बाद अगर जरूरी है तो प्रवेश परीक्षा में शामिल हों. अगर मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश है तो काउंसलिंग के दौरान आपके दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. अंत में कोर्स की फीस जमा होगी और अपना आवेदन पत्र जमा करना होगा.
प्रवेश प्रक्रिया के सभी चरण विस्तार से-
आवेदन पत्र भरें
सबसे पहले चुने गए कॉलेज या विश्वविद्यालय की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर PGDE कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन पत्र भरें.
प्रवेश परीक्षा (अगर है तो)
अगर कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन होता है तो आपको प्रवेश परीक्षा में शामिल होना है, जिसमें शिक्षण योग्यता, सामान्य ज्ञान, तर्क शक्ति और भाषा से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे.
काउंसलिंग (अगर आवश्यक है तो)
अगर मेरिट बेसिस पर एडमिशन मिलता है तो आपकी काउंसलिंग की जा सकती है.
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
काउंसलिंग के दौरान डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा जिसमें आपके सभी शैक्षणिक दस्तावेज (जैसे- 10वीं/12वीं की मार्कशीट, बैचलर डिग्री या बीएड की डिग्री, पहचान प्रमाण पत्र) और अन्य दस्तावेज जांचे जाएंगे.
फीस जमा करें
सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको पीजीडीई कोर्स भी फीस जमा करनी है.
आवेदन पत्र जमा करें
अंत में आपको अपना आवेदन पत्र जमा कर देना है.
फीस स्ट्रक्चर (Government vs Private)
पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स की फीस सरकारी और प्राइवेट कॉलेज के हिसाब से अलग-अलग होती है. सरकारी कॉलेज में पीजीडीई कोर्स की फीस 15,000 से 60,000 रुपए प्रति साल की होती है. वहीं प्राइवेट कॉलेजों में या फेस 50,000 से 2,00,000 रुपये या उससे अधिक प्रतिसाल की हो सकती है.
सरकारी कॉलेज की फीस
- आमतौर पर सरकारी कॉलेजों में पीजीडीई कोर्स की फीस कम होती है, क्योंकि सरकारी कॉलेज में सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है.
- सरकारी कॉलेज में पीजीडीई कोर्स की फीस 15,000 से 60,000 रुपए प्रति साल की होती है.
- कुछ सरकारी कॉलेजों में SC/ST/OBC वर्ग के उम्मीदवारों को फीस में छूट या छात्रवृत्ति भी मिलती है.
प्राइवेट कॉलेज की फीस
- सरकारी कॉलेज की तुलना में प्राइवेट कॉलेज में पीजीडीई कोर्स की फीस ज्यादा होती है
- प्राइवेट कॉलेज में पीजीडीई कोर्स की फीस 50,000 से 2,00,000 रुपये या उससे अधिक प्रति साल की हो सकती है
- कॉलेज की फीस में अंतर उनकी सुविधाओं, स्थान और अन्य कारणों से होता है
PGDE कोर्स का सिलेबस (Subjects Covered)
पीजीडीई कोर्स की अवधि 1 साल की होती है. आमतौर पर PGDE कोर्स में शिक्षण विधियां, पाठ्यक्रम डिजाइन, कक्षा प्रबंधन, शैक्षिक मनोविज्ञान और शिक्षा प्रौद्योगिकी जैसे विषयों के बारे में अध्ययन कराया जाता है. कुछ विश्वविद्यालय स्किल बेस्ड कोर्स भी प्रोवाइड करते है, जैसे- समावेशी शिक्षा, शैक्षिक नीति विश्लेषण या डिजिटल शिक्षण.
सिलेबस और मुख्य विषय
शिक्षण विधियाँ
इसमें विभिन्न शिक्षण विधियाँ जैसे चर्चा, समूह कार्य, लेक्चर आदि के बारे में अध्ययन कराया जाता है.
कक्षा प्रबंधन
इसमें कक्षा में अनुशासन, और प्रभावी शिक्षा वितरण के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है.
पाठ्यक्रम डिजाइन
इस विषय में पाठ्यक्रम के विकास संशोधन की प्रक्रिया और मूल्यांकन के बारे में अध्ययन कराया जाता है.
शैक्षिक मनोविज्ञान
यह विषय छात्रों के सीखने के तरीके, उनकी आवश्यकता और सीखने की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है.
शैक्षिक प्रौद्योगिकी
इसमें प्रौद्योगिकी का उपयोग शिक्षा में कैसे होता है इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है.
डिजिटल शिक्षण
इसमें ऑनलाइन शिक्षण, ई लर्निंग और अन्य डिजिटल माध्यम का उपयोग करके शिक्षण के बारे में बताया जाता है.
शैक्षिक नीति विश्लेषण
इसमें शैक्षिक नीतियों का विश्लेषण और मूल्यांकन का अध्ययन किया जाता है.
समावेशी शिक्षा
इसमें छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के बारे में और विशेष आवश्यकताओं के बारे में अध्ययन कराया जाता है.
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करियर स्कोप और नौकरी विकल्प
पीजीडीई कोर्स करने के बाद नौकरी के कई विकल्प होते हैं, यह कोर्स शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत करियर अवसर देता है.
नौकरी के अवसर
प्राथमिक विद्यालय शिक्षक
पीजीडीई कोर्स करने के बाद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में करियर बना सकता है.
माध्यमिक विद्यालय शिक्षक
पीजीडीई कोर्स करने के बाद माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में करियर बनाने का अवसर होता है.
विशेषज्ञ शिक्षक
अगर आपने किसी विशेष विषय में पीजीडीई किया है तो आप उस विषय के विशेषज्ञ शिक्षक बन सकते हैं.
सरकारी नौकरियां
पीजीडीई कोर्स करने के बाद उम्मीदवार शिक्षा विभाग या अन्य सरकारी संगठनों में नौकरी पा सकता है.
शैक्षणिक सलाहकार
आप स्कूल या कॉलेजों में छात्रों को शैक्षणिक मार्गदर्शन दे सकते हैं.
करियर स्कोप
शैक्षणिक अनुसंधान
अगर आप अनुसंधान में रुचि रखते हैं तो आप शैक्षणिक अनुसंधान संस्थान या विश्वविद्यालय में कार्य करने का अवसर पा सकता है.
शिक्षण
पीजीडीई कोर्स करने के बाद उम्मीदवार प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च विद्यालय के शिक्षक बन सकते हैं.
शैक्षणिक प्रशासन
आप शैक्षणिक संस्थानों में प्रशासनिक पदों पर काम करने का अवसर पा सकते हैं.
एडटेक
शैक्षिक प्रौद्योगिकी (एडटेक) कंपनियों या ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों ने काम करने का अवसर पा सकते हैं.
शैक्षणिक सामग्री विकास
आप शैक्षिक सामग्री (जैसे ऑनलाइन पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकें) विकसित करने वाली कंपनियों और संगठनों में काम करने का अवसर पा सकते हैं.
औसत सैलरी और ग्रोथ
पीजीडीई कोर्स करने के बाद सैलरी और ग्रोथ अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है, जैसे- विशेषज्ञता, अनुभव, संस्थान आदि. आमतौर पर पीजीडीई कोर्स के बाद, उम्मीदवार का शुरुआती वेतन 3 से 5 लाख प्रति साल का होता है और अनुभव के साथ यह 10 लाख या उससे ज्यादा हो सकता है.
मूल वेतन
शुरुआती वेतन
पीजीडीई कोर्स करने के बाद शुरुआती वेतन 3 से 5 लाख प्रतिवर्ष का हो सकता है.
अनुभव के बाद वेतन
अनुभव के साथ-साथ आपकी सैलरी बढ़ती जाती है. 2 से 3 साल के अनुभव के बाद आप 5 से 8 लाख प्रति साल तक पा सकता है. वहीं 5 साल से अधिक अनुभव के बाद, 10 लाख या उससे अधिक का वेतन पा सकते हैं.
विशेषज्ञता
उम्मीदवार का वेतन उसके विशेषज्ञता पर निर्भर करता है, जैसे- डेटा साइंस, डिजिटल मार्केटिंग या वित्तीय प्रबंधन में पीजीडीई कोर्स करने वाले छात्रों को अधिक वेतन मिल सकता है.
ग्रोथ
वेतन वृद्धि
पीजीडीई कोर्स करने के बाद आपको वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है, अगर आप किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल किए हैं.
करियर ग्रोथ
पीजीडीई कोर्स करने के बाद आपको विभिन्न प्रकार के करियर अवसर मिलते हैं, जैसे- व्यवसाय विकास, शिक्षा, प्रबंधन आदि.
नेतृत्व के अवसर
पीजीडीई कोर्स आपको नेतृत्व पदों पर पहुँचने में मदद करता है, जैसे- स्कूल प्रिंसिपल या विभाग प्रमुख आदि.
PGDE कोर्स के फायदे और नुकसान
पीजीडीई कोर्स एक स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स है, जो आपको शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है. इसके फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है-
फायदे
- पीजीडीई कोर्स करने के बाद आपको शिक्षण के क्षेत्र में आवश्यक योग्यता प्राप्त करने में मदद मिलती है, जो आपको संस्थान में पढ़ाने के लिए योग्य बनाता है.
- विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक के रूप में नौकरी करने का अवसर मिलता है.
- पीजीडीई कोर्स आपको नेतृत्व और संचार कौशल विकसित करने में सहायता करता है.
- पाठ्यक्रम योजना बनाने और मूल्यांकन करने तथा छात्रों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए आवश्यक स्किल्स सिखाता है.
- यह कोर्स भारत और विदेशों में मान्य है इसलिए आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षण के अवसर मिलते हैं.
नुकसान
- पीजीडीई कोर्स एक गहन कोर्स है जिसके लिए आपको कक्षा में समय बिताने, स्वतंत्र रूप से पढ़ाई करने और मूल्यांकन के लिए तैयारी करने की जरूरत होती है.
- इस कोर्स के दौरान, आपको समय और व्यक्तिगत जीवन में कुछ नया करने की जरूरत हो सकती है.
- पीजीडीई कोर्स में एडमिशन के लिए आपको फीस देनी होती है, जो कुछ लोगों के हिसाब से ज्यादा हो सकती है.
FAQ: PGDE Course से जुड़े सामान्य सवाल जवाब
PGDE Course क्या है?
PGDE का मतलब है “Postgraduate Diploma in Education”, यह शिक्षा से जुड़ा एक प्रोफेशनल कोर्स हैं जो शिक्षण पद्धतियों की ट्रेनिंग देता है.
क्या PGDE कोर्स B.Ed के बराबर है?
कई देशों में (जैसे- सिंगापुर, यूके, आयरलैंड) यह कोर्स बीएड के सम्कक्ष माना जाता है, लेकिन भारत में यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कोर्स किस संस्था से किया गया है और UGC/NCERT से मान्यता प्राप्त है कि नहीं.
पीजीडीई कोर्स कितने साल का होता है?
पीजीडीई कोर्स 1 साल का फुल टाइम या पार्ट टाइम डिप्लोमा कोर्स है. कुछ देशों में ये कोर्स 9 महीने से 1 साल के बीच में पूरा किया जाता है.
पीजीडीई कोर्स की फीस कितनी होती है?
पीजीडीई कोर्स की फीस संस्थान पर निर्भर करती है, भारत में 20,000 से 80,000 रुपये तक और विदेशों में 1 लाख से 5 लाख रुपये प्रति साल हो सकती है.
क्या यह कोर्स ऑनलाइन किया जाता है?
हाँ, कुछ संस्थान पीजीडीई कोर्स को ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में करवाते हैं.
क्या पीजीडीई रिसर्च एवं शिक्षा के लिए लाभदायक है?
हाँ पीजीडीई कोर्स शिक्षा के क्षेत्र में एमए, एमडी या पीएचडी करने की पृष्ठभूमि तैयार कर सकता है.
निष्कर्ष: क्या आपको PGDE कोर्स करना चाहिए?
अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण की आधुनिक विधियों सीखना चाहते हैं और कम समय में शिक्षण योग्यता प्राप्त करना चाहते हैं, तो PGDE Course आपके लिए उपर्युक्त है. यह कोर्स आपको शिक्षा के क्षेत्र में एक पेशेवर शुरुआत देने में सक्षम है, बशर्तें आपका लक्ष्य स्पष्ट हो और आपने कोर्स किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किया हो. अगर आपकी रूचि नवाचारी शिक्षण, शैक्षिक नेतृत्व में है तो आपकी पीजीडीई कोर्स करके अपने करियर को बेहतर बना सकते हैं.