बीएचएमएस (BHMS Course Details in Hindi) का पूरा नाम ‘बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन ऐंड सर्जरी’ होता है. इस कोर्स की ड्यूरेशन 5.5 साल की होती है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई करनी होती है और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है. बीएचएमएस कोर्स होम्योपैथिक प्रणाली के माध्यम से प्राकृतिक उपचार पर केंद्रित होता है.
बहुत से छात्र ऐसे हैं जिन्हें BHMS कोर्स (BHMS Course Details in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बीएचएमएस कोर्स क्या है? इस कोर्स को करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए? ऐडमिशन प्रक्रिया क्या होती है? बीएचएमएस कोर्स करने के लिए कितनी फीस लगती है? इस कोर्स में क्या-क्या पढ़ाया जाता है? बीएचएमएस कोर्स करने के बाद कौन-कौन सी नौकरी के अवसर मिलते है? और इसमें कितनी सैलरी मिलती है आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे. अगर आप BHMSकोर्स के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें.
BHMS Course क्या है? (BHMS Course Details in Hindi)
BHMS का फुल फॉर्म होता है “बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन ऐंड सर्जरी”. इस कोर्स की अवधि 5.5 साल की होती है जिसमें छात्रों को 4.5 साल की पढ़ाई करनी होती है और 1 साल इंटर्नशिप दी जाती है. बीएचएमएस कोर्स होम्योपैथिक के क्षेत्र में बैचलर डिग्री है. इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य होम्योपैथी की चिकित्सा प्रणाली को समझना और प्राकृतिक रूप से शरीर को ठीक करने वाली विधियों का उपयोग करके मरीज का इलाज करना होता है.

बीएचएमएस के कोर्स में एनाटॉमी, होम्योपैथिक फार्मेसी, ऑर्गन ऑफ मेडिसिन, फिजियोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया जाता हैं. राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा NEET-UG को पास करने और आयुष प्रवेश केंद्रीय परामर्श समिति (AACCC) द्वारा आयोजित काउंसलिंग में भाग लेने के बाद आप BHMS कोर्स को कर सकते हैं.
BHMS Course के लिए योग्यता (Eligibility)
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स करने के लिए उम्मीदवार भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान सब्जेक्ट से 12वीं कक्षा पास होना आवश्यक है साथ ही 12वीं में 50% अंक होने अनिवार्य हैं. उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा NEET-UG पास करने और आयुष प्रवेश केंद्रीय परामर्श समिति (AACCC) द्वारा आयोजित काउंसिलिंग में भाग लेना होता है.
जरूरी योग्यताएं विस्तार से-
- BHMS कोर्स करने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 50% अंकों के साथ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ 12वीं कक्षा पास होना आवश्यक है.
- सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए पीसीबी (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) विषयों में कम से कम 50% अंक होने आवश्यक हैं.
- आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अंक 50% से घटाकर 45% कर दिए जाते हैं.
- कक्षा 12वीं में अंग्रेजी भी एक अनिवार्य विषय के रूप में होना आवश्यक है.
- इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा NEET-UG पास करना होता है.
- बीएचएमएस कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 17 साल होनी आवश्यक है.
एडमिशन प्रक्रिया (How to Apply)
BHMS कोर्स में ऐडमिशन के लिए सबसे पहले नीट-यूजी परीक्षा पास करनी होती है और आयुष मंत्रालय के तहत आयुष मिशन सेंट्रल काउंसलिंग कमेटी (AACCC) द्वारा आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग में भाग लेना होता है, जिसमें ऑनलाइन पंजीकरण मेरिट के आधार पर सीट भरना और फिर सीट आवंटित होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है.
स्टेप बाइ स्टेप एडमिशन प्रक्रिया-
NEET-UG परीक्षा में शामिल हों
- बीएचएमएस में एडमिशन के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पास करना होता है.
- परीक्षा में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं.
परीक्षा पास करें
- नीट यूजी परीक्षा में आपको न्यूनतम आवश्यक अंक प्राप्त करने होंगे, जो श्रेणी वाइज अलग-अलग होते हैं.
AACCC की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लें
- नीट यूजी में न्यूनतम अंक प्राप्त करने के बाद, आपको आयुष प्रवेश केंद्रीय परामर्श समिति (AACCC) द्वारा आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होगा.
- काउंसलिंग में कई राउंड होते है जैसे- राउंड 1, राउंड 2 और मॉप-अप राउंड, जो उन छात्रों के लिए होता है जिन्हें अब तक कोई सीट नहीं मिली है.
ऑनलाइन पंजीकरण करें और कॉलेज का चुनाव करें
- काउंसलिंग में शामिल होने के बाद ऑनलाइन पंजीकरण करना है और अपनी पसंद के हिसाब से कॉलेज को मेरिट के आधार पर भरना है.
सीट आवंटित होंगी
- काउंसलिंग प्रक्रिया में मेरिट के आधार पर आपको कॉलेज में सीट दी जाएगी.
दस्तावेज़ सत्यापन
- सीट आवंटित होने के बाद जरूरी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. जैसे- शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र और नीट यूजी परीक्षा का स्कोरकार्ड.
फीस जमा करें
- कॉलेज में सीट मिलने के बाद सीट की पुष्टि के लिए आपको फीस जमा करनी होगी.
BHMS Course के लिये प्रमुख कॉलेज और यूनिवर्सिटी
BHMS के प्रमुख कॉलेजों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लखनऊ का राष्ट्रीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और दिल्ली का नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज शामिल है. विभिन्न राज्यों के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में बैचलर ऑफ मेडिसिन ऐंड सर्जरी का कोर्स करवाया जाता है, जैसे- महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय आदि. कॉलेज का चुनाव करते समय आपको इसकी प्रवेश प्रक्रिया और फीस के बारे में भी विचार करना चाहिए.
भारत के कुछ प्रमुख कॉलेज और विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश-
- लखनऊ: राष्ट्रीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज.
- अन्य जिलों में (जैसे आजमगढ, अयोध्या, गोरखपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर, गाजीपुर और प्रयागराज में स्थित कॉलेज) भी राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज है जहाँ से आप BHMS कोर्स कर सकते हैं.
दिल्ली-
- नेहरू होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल
अन्य राज्यों में-
- महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
- केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
- विनायका मिशन यूनिवर्सिटी (VMU).
आप अपनी पसंद के अनुसार कॉलेज का चुनाव कर सकते हैं, कॉलेज का चुनाव करने से पहले आपको प्रवेश प्रक्रिया और फीस के बारे में भी विचार करना चाहिए.
फीस स्ट्रक्चर (Government vs Private)
BHMS कोर्स की फीस प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में अलग-अलग होती है. जहाँ प्राइवेट कॉलेज में बीएचएमएस कोर्स की फीस 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये या उससे ज्यादा भी हो सकती है, वहीं सरकारी कॉलेजों में इस कोर्स की फीस सालाना 10,000 रुपए से लेकर 1,00,000 रुपए तक हो सकती है. उम्मीदवार कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले कॉलेज की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर फीस के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
सरकारी कॉलेज-
बीएचएमएस कोर्स करने के लिए सरकारी कॉलेजों में लगभग सालाना फीस 10,000 रुपए से लेकर 1,00,000 रुपए के लगभग लगती है. सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए NEET-UG परीक्षा में अच्छे अंक पाने की आवश्यकता होती है.
प्राइवेट कॉलेज-
प्राइवेट कॉलेजों में बीएचएमएस कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज की तुलना में ज्यादा होती है. यह फीस सालाना 1.5 लाख रुपए से लेकर 3 लाख रुपये या उससे अधिक भी हो सकती है. फीस कॉलेज की सुविधाओं और स्थान पर निर्भर करती है.
BHMS Course का सिलेबस और कोर्स स्ट्रक्चर
बीएचएमएस के विषयों में होम्योपैथिक दर्शन के सिद्धांत, ओर्गन ऑफ मेडिसिन, मनोविज्ञान, शरीर रचना, जीव विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान, होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका, विकृति विज्ञान, भ्रूण विज्ञान, प्रोटोकॉल और परजीवी विज्ञान आदि से सम्बन्धित विषय पढ़ाए जाते हैं जो कि मुख्य विषय होते हैं और उसके बारे में विस्तार से अध्ययन करना होता है.
मुख्य विषय–
विषय शीर्षक | विषय विवरण |
ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन | छात्र दवा में प्राकृतिक पदार्थों के अप्रभावी खुराक के उपयोग के बारे में सीखते हैं. |
होम्योपैथिक दर्शन के सिद्धांत | यह होम्योपैथी के मूलभूत नियमों की शिक्षा देता है. |
मनोविज्ञान | यह चेतन और अचेतन मानवीय भावनाओं का अध्ययन है. |
शरीर रचना | छात्र जानवरों, पौधों और उनके अंगों की शारीरिक संरचना के बारे में सीखते हैं. |
प्रोटोकॉल | यह सकल शरीर रचना विज्ञान में शामिल भागों का अधिक बारीकी से और अधिक विस्तार से अध्ययन करता है. |
भ्रूणविज्ञान | यह भ्रूण के निर्माण, वृद्धि और विकास से संबंधित है. |
शरीर क्रिया विज्ञान | यह मूलतः मानव शरीर का विस्तृत अध्ययन है. |
जीव रसायन | यह जैविक समस्याओं को हल करने के लिए रसायन विज्ञान की रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करता है. |
होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका | इसमें दवाओं के प्रभाव और मानव शरीरक्रिया विज्ञान की कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया का वर्णन किया गया है. |
विकृति विज्ञान | यह किसी विशेष रोग के कारण होने वाली संरचनात्मक असामान्यताओं का अध्ययन है. |
परजीवी विज्ञान | यह परजीवियों, उनके पोषकों तथा उनके आपसी संबंधों का अध्ययन है. |
सेमेस्टर वाइज विषय
सेमेस्टर वाइज | विषय | विषय विवरण |
सेमेस्टर 1 | होम्योपैथिक फार्मेसी | छात्र होम्योपैथिक फार्मेसी और चिकित्सा के इतिहास और विकास के बारे में विस्तार से जानेंगे. |
सेमेस्टर 1 | जैव रसायन सहित शरीर क्रिया विज्ञान | यह विषय फिजियोलॉजी के बारे में जैव रसायन विज्ञान की मूल बातें कवर करता है. |
सेमेस्टर 1 | होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका | रोगियों के उपचार में अध्ययन और उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं पर चर्चा की गई है. |
सेमेस्टर 2 | शरीर रचना विज्ञान, ऊतक विज्ञान और भ्रूण विज्ञान | छात्रों को शरीर रचना विज्ञान और अनुप्रयुक्त शरीर रचना विज्ञान का गहन ज्ञान प्राप्त होगा. |
सेमेस्टर 2 | ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन | इस विषय में उन अवधारणाओं पर चर्चा की गई है, जिनका व्यवहार में पालन करने पर चिकित्सक वांछित परिणाम प्राप्त कर सकता है. |
सेमेस्टर 2 | होम्योपैथिक दर्शन और मनोविज्ञान के सिद्धांत | यह विषय आगमनात्मक और निगमनात्मक तर्क के साथ-साथ होम्योपैथिक विज्ञान के सिद्धांतों पर मजबूत पकड़ बनाने की शिक्षा देता है. |
सेमेस्टर 3 | प्रसूति एवं स्त्री रोग शिशु देखभाल और होम्योपैथिक चिकित्सा | सभी बीमारियों के निदान के लिए, होम्योपैथिक चिकित्सकों को अनुसंधान की अनूठी नैदानिक विधियों में शिक्षित होना चाहिए, जो यह सिखाता है. |
सेमेस्टर 3 | चिकित्सा और होम्योपैथिक चिकित्सा का अभ्यास | सिमिलिया सिद्धांत का पाठ्यक्रम उपचार के नुस्खे का मार्गदर्शन करता है. |
सेमेस्टर 3 | ईएनटी, नेत्र दंत चिकित्सा और होम्योपैथिक चिकित्सा सहित सर्जरी | छात्र नैदानिक परीक्षण, आंख की मूल शारीरिक रचना (व्यक्तिपरक और वस्तुनिष्ठ) सीखेंगे. |
सेमेस्टर 4 | फोरेंसिक मेडिसिन और विष विज्ञान | यह विषय अपराधों की जांच में वैज्ञानिक ज्ञान के उपयोग के बारे में सिखाता है. |
सेमेस्टर 4 | होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका | इसमें उन होम्योपैथिक दवाओं पर चर्चा की गई है जिनका अध्ययन किया जाता है और रोगियों के उपचार में उनका उपयोग किया जाता है. |
सेमेस्टर 4 | पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी जिसमें परजीवी विज्ञान, जीवाणु विज्ञान और विषाणु विज्ञान शामिल हैं | यह विषय विभिन्न प्रमुख बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और हेल्मिन्थ द्वारा उत्पन्न रोग प्रक्रियाओं पर केंद्रित है. |
सेमेस्टर 4 | ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन और होम्योपैथिक दर्शन के सिद्धांत | इस विषय में तर्कशास्त्र, मनोविज्ञान और होम्योपैथिक विज्ञान की नींव का अध्ययन किया जाता है. |
सेमेस्टर 5 | ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन | इस विषय में उन अवधारणाओं पर चर्चा की गई है, जिनका व्यवहार में पालन करने पर चिकित्सक वांछित परिणाम प्राप्त कर सकता है. |
सेमेस्टर 5 | अनुसंधान परियोजना | छात्रों को एक शोध परियोजना तैयार करने के लिए कहा जाता है. |
सेमेस्टर 5 | होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका | इसमें उन होम्योपैथिक दवाओं पर चर्चा की गई है जिनका अध्ययन किया जाता है और रोगियों के उपचार में उनका उपयोग किया जाता है. |
सेमेस्टर 6 | ईएनटी, नेत्र विज्ञान और दंत चिकित्सा और होम्योपैथिक सहित सर्जरी | इस विषय में शल्य चिकित्सा संबंधी अवधारणाओं, अनुप्रयुक्त शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान, तथा सामान्य शल्य चिकित्सा पद्धतियों के विषयों को शामिल किया गया है. |
सेमेस्टर 6 | प्रसूति एवं स्त्री रोग शिशु देखभाल एवं होम्योपैथिक चिकित्सा | सभी बीमारियों के निदान के लिए, होम्योपैथिक चिकित्सकों को अनुसंधान की अनूठी नैदानिक विधियों में शिक्षित होना चाहिए, जो यह सिखाता है. |
सेमेस्टर 6 | चिकित्सा एवं होम्योपैथिक चिकित्सा का अभ्यास | सिमिलिया सिद्धांत का पाठ्यक्रम उपचार के नुस्खे का मार्गदर्शन करता है. |
सेमेस्टर 7 | ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन | इस विषय में उन अवधारणाओं पर चर्चा की गई है, जिनका व्यवहार में पालन करने पर चिकित्सक वांछित परिणाम प्राप्त कर सकता है. |
सेमेस्टर 7 | प्रदर्शनों की सूची | इस विषय में आवश्यकता, दायरा, वर्गीकरण, चरण, विधियां और तकनीकें शामिल हैं. |
सेमेस्टर 7 | सामुदायिक चिकित्सा | इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल रणनीति के माध्यम से समुदायों और लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा और वृद्धि करने का प्रयास किया जाता है. |
सेमेस्टर 8 | होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका | रोगियों के उपचार में अध्ययन और उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं पर चर्चा की गई है. |
सेमेस्टर 8 | चिकित्सा एवं होम्योपैथिक चिकित्सा का अभ्यास | सिमिलिया सिद्धांत का पाठ्यक्रम उपचार के नुस्खे का मार्गदर्शन करता है. |
इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
बीएचएमएस कोर्स में 4.5 साल पढ़ाई करनी होती है और 1 साल की इंटर्नशिप कराई जाती है, जिससे छात्रों को विभिन्न अस्पतालों और क्लिनिको में अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में वास्तविक क्लीनिकल अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलता है, इससे छात्रों का व्यवहारिक ज्ञान विकसित होता है.
इंटर्नशिप
- बीएचएमएस कोर्स में अनिवार्य रूप से 1 साल की इंटर्नशिप होती है.
- जिसमें विभिन्न नैदानिक विभागों में व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है.
- जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के क्लिनिकल परिदृश्यों का अनुभव करने का मौका मिलता है और अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में मरीजों का इलाज करने में मदद करते है.
- इंटर्नशिप से व्यावहारिक कौशल विकसित करने और सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप से लागू करने का मौका मिलता है.
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
- बीएचएमएस कोर्स में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकली भी चीजें सिखाई जाती है, जिसमें व्यावहारिक सत्र, केस रिसर्च प्रोजेक्ट, समूह चर्चाएँ, व्याख्यान आदि शामिल होते हैं.
- इसमें छात्रों को विभिन्न विषयों जैसे शरीर क्रिया विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान, होम्योपैथिक फार्मेसी, चिकित्सक के सिद्धांतों के अनुभवजन्य रूप से अध्ययन करने का मौका दिया जाता है.
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करियर ऑप्शन और नौकरी के क्षेत्र
बीएचएमएस कोर्स करने के बाद अब डॉक्टर के तौर पर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं और सरकारी/प्राइवेट अस्पतालों, क्लिनिक और अनुसंधान संस्थान में काम कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ आप फार्मास्युटिकल कंपनियों काम कर सकते हैं. होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं. बीएचएमएस कोर्स करने के बाद उच्च शिक्षा के अवसर भी होते हैं, आप होम्योपैथी में एमडी कर सकते हैं या हेल्थकेयर मैनेजमेंट जैसे अन्य उच्च कोर्स कर सकते हैं.
नौकरी के क्षेत्र
- बीएचएमएस कोर्स करने के बाद छात्र अस्पतालों, हेल्थ केयर कम्युनिटी और नर्सिंग होम में काम कर सकते हैं.
- अपनी खुद की होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं.
- औषधि विकास, नैदानिक परीक्षण और फार्माकोविजिलेंस जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं.
- सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने के अवसर मिलेंगे.
- टेलीमेडिसिन के माध्यम से रोगियों को सलाह दे सकते हैं और उनका इलाज कर सकते हैं.
करियर अवसर
- आप अपना खुद का होम्योपैथिक क्लीनिक अस्पताल खोल सकते हैं.
- आप होम्योपैथिक कॉलेजों में प्रोफेसर या लेक्चरर के तौर पर भी काम कर सकते हैं और होम्योपैथिक के क्षेत्र में अनुसंधान भी कर सकते हैं.
- सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों क्लीनिकों और स्वास्थ्य केंद्रों में होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में मरीजों का इलाज कर सकते हैं.
- होम्योपैथी से संबंधित फार्मास्युटिकल कंपनियों में बहुत सी नौकरियां हैं जिन्हें आप कर सकते हैं, जैसे- अनुसंधान और गुणवत्ता नियंत्रण, औषधि विकास.
उच्च शिक्षा के अवसर
बीएचएमएस कोर्स करने के बाद उच्च शिक्षा के अवसर भी उपलब्ध हैं. आप होम्योपैथी के किसी विशेष क्षेत्र में एमडी कर सकते हैं. हॉस्पिटल मैनेजमेंट या फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट के एमबीए भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप चिकित्सा प्रौद्योगिकी, रेडियोलॉजी, स्वास्थ्य सेवा प्रशासन और निदान जैसे क्षेत्रों में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं.
औसत सैलरी और ग्रोथ स्कोप
बीएचएमएस कोर्स (BHMS Course Details in Hindi) करने के बाद आपका वेतन आपके अनुभव और विशेषज्ञता पर डिपेंड करेगा. इस कोर्स को करने के बाद आपका वेतन 2 लाख रुपये से 12 लाख रुपये प्रति साल का हो सकता है. इस क्षेत्र में ग्रोथ के लिए आप होम्योपैथिक चिकित्सक, शोधकर्ता या विशेषज्ञ के रूप में करियर बना सकते हैं.
औसत सैलरी
- बीएचएमएस कोर्स करने के बाद उम्मीदवार को सालाना 2 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक का वेतन मिल सकता है.
- कुछ साल का अनुभव होने के बाद, आपका वेतन 5 से 6 लाख रुपए प्रति साल तक हो सकता है.
- व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और विशेषज्ञता के साथ आपका वेतन 10 लाख रुपये प्रति साल या उससे ज्यादा भी हो सकता है.
ग्रोथ स्कोप (विकास के अवसर)
- आप सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में काम कर सकते हैं.
- सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में काम कर सकते हैं.
- फार्मास्युटिकल क्षेत्र में क्लीनिकल ट्रायल सहायक या शोधकर्ता के रूप में भी काम कर सकते हैं और अपना करियर बना सकते हैं.
BHMS कोर्स के फायदे और नुकसान (Pros & Cons)
बीएचएमएस कोर्स करने के कई फायदे है जैसे प्राकृतिक चिकित्सकों समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करना, अपना खुद का क्लीनिक खोलने का अवसर मिलना और सीमित प्रतिस्पर्धा के कारण NEET में कम कटऑफ होना शामिल होता है, इससे नुकसान में आपात स्थिति के इलाज में इसकी सीमित क्षमता, सर्जरी ना करने की अनुमति, सीमित नौकरी के अवसर, ऐलोपैथिक डॉक्टरों की तुलना में शुरुआती वेतन कम होना आदि शामिल होते हैं.
फायदे
- BHMS कोर्स में प्रतिस्पर्धा अधिक होने के कारण नीट में कम कट ऑफ होता है, जिससे MBBS की तुलना में बीएचएमएस कोर्स में प्रवेश पाना आसान हो सकता है.
- आप अपना खुद का होम्योपैथिक क्लिनिक खोल सकते हैं और स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं.
- इस कोर्स में छात्रों को एलोपैथिक के बजाय होम्योपैथिक चिकित्सा के द्वारा बीमारियों की जड़ का इलाज करने और प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करने पर ज़ोर दिया जाता है.
- होम्योपैथिक एक प्राचीन और समग्र चिकित्सा प्रणाली है, ये उन लोगों के लिए आकर्षक विकल्प बनाती है जो प्राकृतिक चिकित्सा पर विश्वास करते हैं.
नुकसान
- सीमित नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं.
- बीएचएमएस कोर्स करने के बाद आपको सर्जरी करने की अनुमति नहीं होती है जो ऐलोपैथिक डॉक्टरों के लिए एक प्रमुख अवसर है.
- शुरुआत में बीएचएमएस कोर्स के छात्रों को एमबीबीएस कोर्स के छात्रों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है.
- होम्योपैथिक चिकित्सा में आपको प्रभाव दिखने में समय लगता है, इसलिए बीएचएमएस डॉक्टर आपातकालीन स्थितियों में मरीज का इलाज कराने में सीमित होते हैं.
FAQ: BHMS कोर्स से सम्बन्धित कुछ सामान्य प्रश्न उत्तर
BHMS कोर्स क्या है?
बीएचएमएस कोर्स का पूरा नाम बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी होता है. यह एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है, जिसमें होम्योपैथिक मेडिसिन और सर्जरी के बारे में अध्ययन कराया जाता है.
बीएचएमएस और एमबीबीएस में क्या अंतर है?
बीएचएमएस कोर्स होम्योपैथी चिकित्सा पर आधारित होता है जबकि एमबीबीएस कोर्स एलोपैथिक चिकित्सा पर आधारित होता है.
क्या बीएचएमएस कोर्स करने के बाद सरकारी नौकरी मिल सकती है?
हाँ, BHMS कोर्स करने के बाद सरकारी अस्पतालों, रिसर्च इंस्टिट्यूट, हेल्थ सेंटर और मेडिकल ऑफिसर के पदों पर नौकरी मिल सकती है.
क्या बीएचएमएस डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं?
बीएचएमएस डॉक्टर माइनर सर्जरी कर सकते हैं, लेकिन बड़ी सर्जरी केवल एमबीबीएस एमडी डॉक्टर्स को ही करने की अनुमति है.
बीएचएमएस कोर्स करने के बाद क्या क्या करियर ऑप्शन्स होते हैं?
बीएचएमएस कोर्स करने के बाद होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं अपना खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं, साथ ही हेल्थकेयर सेंटर, हॉस्पिटल्स, रिसर्च और फार्मा कंपनियों में काम कर सकते हैं.
निष्कर्ष: क्या BHMS कोर्स करना आपके लिए सही विकल्प है?
अगर आप मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं और होम्योपैथिक चिकित्सा में इंटरेस्ट रखते हैं, तो बीएचएमएस कोर्स करना आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. यह कोर्स आपको न सिर्फ एक होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का मौका देता है, बल्कि आपके अस्पताल, रिसर्च क्लीनिक और सरकारी नौकरी जैसे अवसर भी प्रदान करता है.